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"तपन / ओम व्यास" के अवतरणों में अंतर

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प्यार के दरख्त की छाँव में,  
 
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झड़ जाया करते हैं–पत्ते
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फिर वही जुड़ाई की तपन।  
 
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19:10, 10 अप्रैल 2020 के समय का अवतरण

चल रहा हूँ
मंजिल की तलाश में,
यादों की पगडंडी के सहारे,
प्यार के दरख्त की छाँव में,
जब कभी सुस्ताना चाहता हूँ,
झड़ जाया करते हैं पत्ते
मिलती है
फिर वही जुड़ाई की तपन।