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"लिखने की प्रतिध्वनि" के अवतरणों में अंतर

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23:52, 23 अप्रैल 2020 के समय का अवतरण

लिखने की भी प्रतिध्वनि होती है,
बिना आवाज़ के उठती है,
गुफ़ा की अंधेरी दीवारों से टकरा कर
गूँजती है बार बार,
रोशनी बन जाती है
और फूट पड़ती है
इंक़लाब लाने को।