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"ग्राउंड ज़ीरो / नोमान शौक़" के अवतरणों में अंतर
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एक रेगिस्तान<br /> | एक रेगिस्तान<br /> | ||
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उड़ती हुई रेत<br /> | उड़ती हुई रेत<br /> | ||
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एक दर्द<br /> | एक दर्द<br /> | ||
− | + | जहाँ तलाश नहीं किये जा सकते<br /> | |
चोट के निशान<br /> | चोट के निशान<br /> | ||
− | + | वहाँ भी होती है<br /> | |
एक रात<br /> | एक रात<br /> | ||
− | + | जहाँ जुर्म होता है<br /> | |
चांद की तरफ़ देखना भी<br /> | चांद की तरफ़ देखना भी<br /> | ||
− | + | वहाँ भी होती है<br /> | |
एक रौशनी<br /> | एक रौशनी<br /> | ||
− | + | जहाँ पाबंदी होती है<br /> | |
पतंगों के आत्मदाह पर<br /> | पतंगों के आत्मदाह पर<br /> | ||
− | + | वहाँ भी होती है<br /> | |
एक दहशत<br /> | एक दहशत<br /> | ||
− | + | जहाँ अदब के साथ<br /> | |
क़ातिलों से इजाज़त मांगनी होती है<br /> | क़ातिलों से इजाज़त मांगनी होती है<br /> | ||
चीख़ने से पहले | चीख़ने से पहले | ||
− | + | वहाँ भी होता है<br /> | |
एक शोक<br /> | एक शोक<br /> | ||
− | + | जहाँ मोमबत्तियाँ तक नहीं होतीं<br /> | |
मरने वालों की याद में जलने<br /> | मरने वालों की याद में जलने<br /> | ||
या जलाने के लिए<br /> | या जलाने के लिए<br /> | ||
− | + | वहाँ भी होता है<br /> | |
एक शून्य<br /> | एक शून्य<br /> | ||
− | + | जहाँ नहीं पहुँच पाते<br /> | |
− | + | टी० वी० के कैमरे।<br /> |
23:23, 13 सितम्बर 2008 का अवतरण
वहाँ भी होता है
एक रेगिस्तान
जहाँ किसी को दिखाई नहीं देती
उड़ती हुई रेत
वहाँ भी होता है
एक दर्द
जहाँ तलाश नहीं किये जा सकते
चोट के निशान
वहाँ भी होती है
एक रात
जहाँ जुर्म होता है
चांद की तरफ़ देखना भी
वहाँ भी होती है
एक रौशनी
जहाँ पाबंदी होती है
पतंगों के आत्मदाह पर
वहाँ भी होती है
एक दहशत
जहाँ अदब के साथ
क़ातिलों से इजाज़त मांगनी होती है
चीख़ने से पहले
वहाँ भी होता है
एक शोक
जहाँ मोमबत्तियाँ तक नहीं होतीं
मरने वालों की याद में जलने
या जलाने के लिए
वहाँ भी होता है
एक शून्य
जहाँ नहीं पहुँच पाते
टी० वी० के कैमरे।