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"समय गुजरना है बहुत / विजयशंकर चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर

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बहुत गुजरना है समय
 
दसों दिशाओं को रहना है अभी यथावत
 
दसों दिशाओं को रहना है अभी यथावत
 
 
खनिज और तेल भरी धरती
 
खनिज और तेल भरी धरती
 
 
घूमती रहनी है बहुत दिनों तक
 
घूमती रहनी है बहुत दिनों तक
 
 
वनस्पतियों में बची रहनी हैं औषधियाँ
 
वनस्पतियों में बची रहनी हैं औषधियाँ
 
 
चिरई-चुनगुन लौटते रहने हैं घोंसलों में हर शाम
 
चिरई-चुनगुन लौटते रहने हैं घोंसलों में हर शाम
 
 
परियाँ आती रहनी हैं हमारे सपनों में बेखौफ
 
परियाँ आती रहनी हैं हमारे सपनों में बेखौफ
 
 
बहुत हुआ तो किस्से-कहानियों में घुसे रहेंगे सम्राट
 
बहुत हुआ तो किस्से-कहानियों में घुसे रहेंगे सम्राट
 
 
पर उनका रक्तपात रहना है सनद
 
पर उनका रक्तपात रहना है सनद
 
 
और वक्त पर हमारे काम आना है
 
और वक्त पर हमारे काम आना है
 
 
बहुत गुजरना है समय।
 
बहुत गुजरना है समय।
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21:55, 9 जुलाई 2020 के समय का अवतरण

बहुत गुजरना है समय
दसों दिशाओं को रहना है अभी यथावत
खनिज और तेल भरी धरती
घूमती रहनी है बहुत दिनों तक
वनस्पतियों में बची रहनी हैं औषधियाँ
चिरई-चुनगुन लौटते रहने हैं घोंसलों में हर शाम
परियाँ आती रहनी हैं हमारे सपनों में बेखौफ
बहुत हुआ तो किस्से-कहानियों में घुसे रहेंगे सम्राट
पर उनका रक्तपात रहना है सनद
और वक्त पर हमारे काम आना है
बहुत गुजरना है समय।