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"मुग़्नी तबस्सुम के लिए / शहरयार" के अवतरणों में अंतर

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ऎ अज़ीज़ अज़ जान मुग़्नी
 
ऎ अज़ीज़ अज़ जान मुग़्नी
 
 
तेरी परछाई हूँ लेकिन कितना इतराता हूँ मैं
 
तेरी परछाई हूँ लेकिन कितना इतराता हूँ मैं
 
 
आज़मी का मरना
 
आज़मी का मरना
 
 
नज्मा का बिछड़ना
 
नज्मा का बिछड़ना
 
 
तेरे बल-बूते पर यह सब सह गया
 
तेरे बल-बूते पर यह सब सह गया
 
 
भूल कर भी यह ख़याल आया नहीं मुझको
 
भूल कर भी यह ख़याल आया नहीं मुझको
 
 
कि तन्हा रह गया
 
कि तन्हा रह गया
 
 
तेरी उल्फ़त में अजब जादू-असर है
 
तेरी उल्फ़त में अजब जादू-असर है
 
 
तेरी परछाईं रहूँ जब तक जियूँ
 
तेरी परछाईं रहूँ जब तक जियूँ
 
 
यह चाहता हूँ
 
यह चाहता हूँ
 
 
ऎ ख़ुदा!
 
ऎ ख़ुदा!
 
 
छोटी-सी कितनी बेज़रर यह आरज़ू है
 
छोटी-सी कितनी बेज़रर यह आरज़ू है
 
 
आरज़ू यह मैंने की है
 
आरज़ू यह मैंने की है
 
 
इस भरोसे पर कि तू है।
 
इस भरोसे पर कि तू है।
  
 
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आज़मी= ख़लीलुर्रहमान आज़मी (कवि के दोस्त); नज्मा= कवि की पत्नी; बेज़रर= हानि न पहुँचाने वाली
 
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आज़मी= ख़लीलुर्रहमान आज़मी (कवि के दोस्त); नज्मा= कवि की पत्नी;  
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बेज़रर= हानि न पहुँचाने वाली
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18:50, 29 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

ऎ अज़ीज़ अज़ जान मुग़्नी
तेरी परछाई हूँ लेकिन कितना इतराता हूँ मैं
आज़मी का मरना
नज्मा का बिछड़ना
तेरे बल-बूते पर यह सब सह गया
भूल कर भी यह ख़याल आया नहीं मुझको
कि तन्हा रह गया
तेरी उल्फ़त में अजब जादू-असर है
तेरी परछाईं रहूँ जब तक जियूँ
यह चाहता हूँ
ऎ ख़ुदा!
छोटी-सी कितनी बेज़रर यह आरज़ू है
आरज़ू यह मैंने की है
इस भरोसे पर कि तू है।

आज़मी= ख़लीलुर्रहमान आज़मी (कवि के दोस्त); नज्मा= कवि की पत्नी; बेज़रर= हानि न पहुँचाने वाली