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"छन्द / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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07:45, 8 अक्टूबर 2008 का अवतरण


मैं सभी ओर से खुला हूँ

वन-सा, वन-सा अपने में बन्द हूँ

शब्द में मेरी समाई नहीं होगी

मैं सन्नाटे का छन्द हूँ।