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"ताल भर सूरज / शलभ श्रीराम सिंह" के अवतरणों में अंतर
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बहुत दिन के बाद देखा आज हमने | बहुत दिन के बाद देखा आज हमने | ||
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− | जाल भर सूरज! | + | जाल भर सूरज ! |
− | दृष्टियों में बिम्ब भर आकाश | + | दृष्टियों में बिम्ब भर आकाश — |
छाती से लगाए | छाती से लगाए | ||
घाट | घाट | ||
घास | घास | ||
− | पलाश! | + | पलाश ! |
तट पर खड़ी बेला | तट पर खड़ी बेला | ||
निर्वसन | निर्वसन | ||
चुपचाप | चुपचाप | ||
− | हाथों से झुकाए | + | हाथों से झुकाए — |
− | डाल भर सूरज! | + | डाल भर सूरज ! |
ताल भर सूरज...! | ताल भर सूरज...! | ||
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17:59, 19 जनवरी 2021 का अवतरण
ताल भर सूरज —
बहुत दिन के बाद देखा आज हमने
और चुपके से उठा लाए —
जाल भर सूरज !
दृष्टियों में बिम्ब भर आकाश —
छाती से लगाए
घाट
घास
पलाश !
तट पर खड़ी बेला
निर्वसन
चुपचाप
हाथों से झुकाए —
डाल भर सूरज !
ताल भर सूरज...!