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23:27, 8 मार्च 2021 के समय का अवतरण
मैंने उसको 
जब-जब देखा 
लोहा देखा 
लोहे जैसा- 
तपते देखा- 
गलते देखा- 
ढलते देखा 
मैंने उसको 
गोली जैसा 
चलते देखा।
 
	
	

