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"गुज़री पीढ़ी / अजित कुमार" के अवतरणों में अंतर
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20:22, 11 अक्टूबर 2008 का अवतरण
दूकान बढाने के लिए मजबूर एक मालिक
शासन को, नियम को,
उनके रक्षकों
और
अपने मातहतों को
भरपूर गालियाँ दे चुकने के बाद
अब
रोशनियाँ बुझाते
और
ताले बंद करते हुए
देखो । देखो ।
कैसे कोस रहा है उसी दूकान को ।