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"अक्षर-अक्षर का आलिंगन / कविता भट्ट" के अवतरणों में अंतर
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01:27, 20 मई 2021 के समय का अवतरण
हाथ थामकर एक दूजे का
अक्षर-अक्षर का आलिंगन।
धीरे से कान में फुसफुसा,
सहलाया, माथे धर चुम्बन।
गले लिपट कुछ हँसा-रोया,
भावों के आँखों में दर्शन।
हलन्त-विसर्ग सभी समर्पित,
हुआ प्रेम -कविता का सृजन।