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"पुनर्जन्म / यानिस रित्सोस / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

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ऊपर से उतरी — और जब
 
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हमने आसमान की ओर देखा तो उसकी झारी से पानी की कुछ बून्दें
 
हमने आसमान की ओर देखा तो उसकी झारी से पानी की कुछ बून्दें
आहिस्ता से गिर पड़ींहमारे गालों, ठुड्डियों और होंठों पर ।
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आहिस्ता से गिर पड़ीं हमारे गालों, ठुड्डियों और होंठों पर ।
  
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल'''
 
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04:16, 14 अक्टूबर 2021 के समय का अवतरण

वर्षों तक किसी ने बाग़ीचे की सार-सम्भाल नहीं की थी । तब भी
इस साल मई में, जून में, वह ख़ूब खिल गया था, इस बार अपने आप
रेलिंग तक एक मुसलसल चमक, एक हज़ार गुलाब
कार्नेशन, जिरेनियम, स्वीटपी —
बैंजनी, नारंगी, हरे, लाल, पीले रंग
रंगों की कलगियाँ — इतनी ज़्यादा कि पानी की पुरानी झारी वाली
औरत
पौधों को पानी देने के लिए फिर से प्रकट हो गई —
पहले जैसी ही सुन्दर, शान्त, एक अव्याख्येय आश्वासन से भरपूर ।
और बाग़ीचा
उसके चारों ओर इकट्ठा हो गया, कन्धे से ऊँचा,
उसने उसे गले लगा लिया, पूरी तरह अपने अंक में भर लिया,
उसे अपनी बाँहों में उठा लिया । तब दिन की रोशनी में हमने देखा,
किस तरह वह पूरा बाग़ीचा और पानी की झारी के साथ वह औरत
ऊपर से उतरी — और जब
हमने आसमान की ओर देखा तो उसकी झारी से पानी की कुछ बून्दें
आहिस्ता से गिर पड़ीं हमारे गालों, ठुड्डियों और होंठों पर ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल