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"हाइकु / रश्मि शर्मा / रश्मि विभा त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
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+ | ये कैनवास। | ||
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+ | भरउ रंग | ||
+ | छूँछा जिनगी क्यार | ||
+ | ई कैनबास। | ||
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+ | न पूछो कोई | ||
+ | उदासी का सबब, | ||
+ | नसीब यही। | ||
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+ | न पूछौ कौनौ | ||
+ | उदासी क कारन | ||
+ | भाविउ यहै। | ||
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+ | सीप की तलाश में | ||
+ | स्वाति की बूँद। | ||
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+ | लरजति ह्वै | ||
+ | सीपी कइ टोह माँ | ||
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14:24, 28 मई 2022 के समय का अवतरण
1
जब भी खिले
अमलतास फूल
वो हमें मिले।
जबै बिक्सिन
अमिलतास फूल
वै हम्का लहे।
2
जलती धरा
बरस पड़ी बूँदें
फैली ख़ुशबू।
जरइ भुइ
बरसि परीं बूँनी
माँचिसि खुस्बू ।
3
देखा हमने-
कपूर की तरह
उड़ता प्यार।
लखिसि हम
कपूर कइ नाईं
उड़ै पियार।
4
भर दो रंग
ख़ाली है जीवन का
ये कैनवास।
भरउ रंग
छूँछा जिनगी क्यार
ई कैनबास।
5
न पूछो कोई
उदासी का सबब,
नसीब यही।
न पूछौ कौनौ
उदासी क कारन
भाविउ यहै।
6
लरजती है
सीप की तलाश में
स्वाति की बूँद।
लरजति ह्वै
सीपी कइ टोह माँ
स्वाति कै बूँन।
-0-