"पेड़ / रश्मि विभा त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
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हमें दें प्राण- फल | हमें दें प्राण- फल | ||
शिव- से वृक्ष! | शिव- से वृक्ष! | ||
− | |||
2 | 2 | ||
विटप खड़े | विटप खड़े | ||
बाँटें मनु को फल | बाँटें मनु को फल | ||
दानी हैं बड़े! | दानी हैं बड़े! | ||
− | |||
3 | 3 | ||
पेड़ हैं योगी | पेड़ हैं योगी | ||
फल- फूलों की निधि | फल- फूलों की निधि | ||
स्वयं न भोगी। | स्वयं न भोगी। | ||
− | |||
4 | 4 | ||
प्रजा के ठाठ | प्रजा के ठाठ | ||
कन्दमूल- फल दें | कन्दमूल- फल दें | ||
तरु- सम्राट! | तरु- सम्राट! | ||
− | |||
5 | 5 | ||
जले न माथ | जले न माथ | ||
सर पे धरें हाथ | सर पे धरें हाथ | ||
पेड़ पिता- से! | पेड़ पिता- से! | ||
− | |||
6 | 6 | ||
बिटिया लता | बिटिया लता | ||
पेड़ के काँधे चढ़ी | पेड़ के काँधे चढ़ी | ||
खुश है बड़ी। | खुश है बड़ी। | ||
− | |||
7 | 7 | ||
पौधे बच्चों- से | पौधे बच्चों- से | ||
भू- माँ के कलेजे से | भू- माँ के कलेजे से | ||
चिपके हुए। | चिपके हुए। | ||
− | |||
8 | 8 | ||
सुनसान में | सुनसान में | ||
वृक्ष मौनी बाबा- से | वृक्ष मौनी बाबा- से | ||
बैठे ध्यान में। | बैठे ध्यान में। | ||
− | |||
9 | 9 | ||
पतझड़ में | पतझड़ में | ||
लग रहे अधेड़ | लग रहे अधेड़ | ||
सारे ही पेड़। | सारे ही पेड़। | ||
− | |||
10 | 10 | ||
पतझड़ में | पतझड़ में | ||
पेड़ पर्ण को त्याग | पेड़ पर्ण को त्याग | ||
लेते वैराग। | लेते वैराग। | ||
− | |||
11 | 11 | ||
पतझड़ में | पतझड़ में | ||
'''चँडुला *''' तरुवर | '''चँडुला *''' तरुवर | ||
ढली उमर। | ढली उमर। | ||
− | + | -0-'''* जिसके सर पर बाल बहुुत कम या न हों ।''' | |
− | '''* जिसके सर पर बाल बहुुत कम या न हों ।''' | + | |
− | + | ||
12 | 12 | ||
काट दी डाली | काट दी डाली | ||
तुमने कब व्यथा | तुमने कब व्यथा | ||
पेड़ की पाली? | पेड़ की पाली? | ||
− | |||
13 | 13 | ||
पेड़ न होंगे | पेड़ न होंगे | ||
तो कहाँ बनाएँगे ? | तो कहाँ बनाएँगे ? | ||
पंछी घरोंदे!! | पंछी घरोंदे!! | ||
− | |||
14 | 14 | ||
अनमने से | अनमने से | ||
लटके तारों पर | लटके तारों पर | ||
पाखी बेघर। | पाखी बेघर। | ||
− | |||
15 | 15 | ||
हाय! न कर | हाय! न कर | ||
पृथ्वी का गर्भपात | पृथ्वी का गर्भपात | ||
पेड़ों को काट। | पेड़ों को काट। | ||
− | |||
16 | 16 | ||
अकुलाए हैं | अकुलाए हैं | ||
वन में पक्षी, कीट | वन में पक्षी, कीट | ||
उगा कंक्रीट। | उगा कंक्रीट। | ||
− | |||
17 | 17 | ||
बने भवन | बने भवन | ||
उजाड़कर भू का | उजाड़कर भू का | ||
हरा आँगन। | हरा आँगन। | ||
− | |||
18 | 18 | ||
बेदम पड़े! | बेदम पड़े! | ||
पेड़ कटा तो पाखी | पेड़ कटा तो पाखी | ||
रोए, उजड़े। | रोए, उजड़े। | ||
− | |||
19 | 19 | ||
पेड़ काट के | पेड़ काट के | ||
बनी प्रगति सीढ़ी | बनी प्रगति सीढ़ी | ||
चढ़ेगी पीढ़ी! | चढ़ेगी पीढ़ी! | ||
− | |||
20 | 20 | ||
चलाए आरी | चलाए आरी | ||
चढ़ पेड़ों की पीठ | चढ़ पेड़ों की पीठ | ||
मानव ढीठ! | मानव ढीठ! | ||
− | |||
21 | 21 | ||
भोले वृक्षों की | भोले वृक्षों की | ||
पंक्ति 113: | पंक्ति 92: | ||
तू क्रूर बड़ा! | तू क्रूर बड़ा! | ||
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09:18, 5 जून 2022 के समय का अवतरण
1
पी के गरल
हमें दें प्राण- फल
शिव- से वृक्ष!
2
विटप खड़े
बाँटें मनु को फल
दानी हैं बड़े!
3
पेड़ हैं योगी
फल- फूलों की निधि
स्वयं न भोगी।
4
प्रजा के ठाठ
कन्दमूल- फल दें
तरु- सम्राट!
5
जले न माथ
सर पे धरें हाथ
पेड़ पिता- से!
6
बिटिया लता
पेड़ के काँधे चढ़ी
खुश है बड़ी।
7
पौधे बच्चों- से
भू- माँ के कलेजे से
चिपके हुए।
8
सुनसान में
वृक्ष मौनी बाबा- से
बैठे ध्यान में।
9
पतझड़ में
लग रहे अधेड़
सारे ही पेड़।
10
पतझड़ में
पेड़ पर्ण को त्याग
लेते वैराग।
11
पतझड़ में
चँडुला * तरुवर
ढली उमर।
-0-* जिसके सर पर बाल बहुुत कम या न हों ।
12
काट दी डाली
तुमने कब व्यथा
पेड़ की पाली?
13
पेड़ न होंगे
तो कहाँ बनाएँगे ?
पंछी घरोंदे!!
14
अनमने से
लटके तारों पर
पाखी बेघर।
15
हाय! न कर
पृथ्वी का गर्भपात
पेड़ों को काट।
16
अकुलाए हैं
वन में पक्षी, कीट
उगा कंक्रीट।
17
बने भवन
उजाड़कर भू का
हरा आँगन।
18
बेदम पड़े!
पेड़ कटा तो पाखी
रोए, उजड़े।
19
पेड़ काट के
बनी प्रगति सीढ़ी
चढ़ेगी पीढ़ी!
20
चलाए आरी
चढ़ पेड़ों की पीठ
मानव ढीठ!
21
भोले वृक्षों की
बलि देने पर अड़ा
तू क्रूर बड़ा!
-0-