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"रिश्ते-5 / निर्मल विक्रम" के अवतरणों में अंतर

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21:15, 6 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण

रिश्ते
साँस होते हैं ज़िन्दगी में
फाहों की तरह गर्म
रेशम की तरह कोमल
हाथों की तपिश की तरह
कोसे-कोसे
अपनी
आँखों में से चुपचाप
बहता कोई गर्म आँसू दिल से हो कर
कई बार
उन के चिढ़ाने की तरह
चीरती लहूलुहान करती
चीख़ की तरह भी हो जाते हैं रिश्ते
जब रिश्तों की साँसों का धागा
टूट जाता है
बेमौक़े


मूल डोगरी से अनुवाद : पद्मा सचदेव