भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अश्वताल / सुभाष काक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुभाष काक |संग्रह=मिट्टी का अनुराग / सुभाष काक }} <p...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
20:16, 10 नवम्बर 2008 का अवतरण
क्योंकि वह रक्षा न कर सका
युद्ध में पराजय हुआ
प्रेमिका के हृदय में
वह अब अपमान पात्र है।
जो पुरानी स्मृतियाँ थीं उनकी
पेड़ के नीचे बातें
उद्यान में टहलना
पर्वत के छोटे पथ पर
घोडों पर भ्रमण
अब वह झूठ हैं।
वह झूठ था।
प्रेमी को
धिक्कार रही है वह।
क्या चाहती है,
एक और युद्ध?