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"पानी / पीयूष दईया" के अवतरणों में अंतर

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गर पानी से आकाश
निकल जाए तो शायद

पानी से निकले बग़ैर

पानी में तिरछी दिखती
सीधी हो सकती है
लकड़ी
पानी में ही

पानी-पानी हूँ