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"फुलझड़ी / अशोक शाह" के अवतरणों में अंतर

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धरती के सुदूर देहरी पर
 
रखा जलता हुआ दीया
 
देखा प्रकम्पित प्रकाष में
 
अनापेक्षित
 
चींटियाँ लौट रही थीं घर
 
पंक्तिबद्ध
 
मानो पृथ्वी के मजदूर
 
लपक रहे हो घर
 
भरते जल्दी-जल्दी डेग
 
 
नहीं जानता
 
इस दीपावली के शुभ मुहूर्त में
 
पहँुच पाँएगें घर
 
लिए हाथों में एक फुलझड़ी
 
अवनि की आखिरी छोर पर खडे़
 
प्रतिक्षारत
 
अपने मासूमों के लिए
 

03:16, 21 जनवरी 2023 का अवतरण