भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शतक (कविता) / कल्पना मिश्रा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कल्पना मिश्रा |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:39, 27 फ़रवरी 2023 के समय का अवतरण
कभी एक रन कभी दो,
कभी चौका कभी छक्का
कभी जीरो भी आएगा
बस टिके रहो,
ये जीवन की पिच है
गूगली भी आएगी,
और आएगा बाउंसर भी
यॉकर भी फेके जाएंगे
बस टिके रहो,
जो टिकेगा वही मारेगा शतक
वही बनेगा मैन ऑफ मैच
वही मैच जिताएगा
वही इतिहास दोहराएगा
बस टिके रहो।।