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"दृष्टि / सुषमा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर
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10:11, 11 अप्रैल 2023 के समय का अवतरण
यूँ तो उभरने चाहिए
उत्तेजक बिंब मेरे ज़हन में
हमारी देह को निर्वस्त्र देखकर
पर अचरच भरा
सुख तो ये हुआ
कि उस समय मैंने देखा
पुरुष की देह से
स्त्री को जन्म लेते हुए
और देखा
स्त्री की देह में
पुरुष का विलीन हो जाना।
कितने अभागे रहे होंगे वो!
जिन्होंने
देह में सिर्फ देह का होना देखा!