भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आजीवन / लाल्टू" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |संग्रह= }}<poem> १ फिर मिले फिर किया वादा फिर ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:57, 15 नवम्बर 2008 का अवतरण
१
फिर मिले
फिर किया वादा
फिर मिलेंगे।
२
बहुत दूर
इतनी दूर से नहीं कह सकते
जो कुछ भी कहना चाहिए
होते करीब तो कहते वह सब
जो नहीं कहना चाहिए
आजीवन ढूंढते रहेंगे
वह दूरी
सही सही जिसमें कही जाएँगी बातें