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अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आसन वासवाणी |संग्रह= }} <Poem> '''11. फ़क़ीर फ़क़ीर की औक...) |
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11. फ़क़ीर
फ़क़ीर की औक़ात
पाँच रुपयों से कम क्या
चाहिए नहीं ख़ैरात
12. मसानी
ईश्वर अन्यायी
आज पूरे शहर से
एक अर्थी न आई
13. कौआ
काँव-काँव करता कौआ
आया चल कोयल के पास
सीखो गाने का अंदाज़
14. मेंढ़क
घूमता है चौतरफ़
मेंढ़क बैठा कुएँ में
इतना नन्हा-सा संसार
15. नाग
कैसा देते हो क्षीर
सँपेरे से कहा साँप ने
आधा है इसमें नीर
सिन्धी से अनुवाद : मोहिणी हिंगोराणी