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"म मरेको बिहानीको / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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20:44, 17 जुलाई 2024 के समय का अवतरण
न भयो अन्त्य कुनै तिम्रोमेरो कहानीको
न पाइयो साथ कहिल्यै एउटै सिरानीको
त्यत्रो दूरी पार गरी आउँछिन् रात सपनीमा
प्रीत हेर, समर्पण हेर मेरी मनकी रानीको
तिम्रै लागि राखेको थेँ, जलेर भस्म भै गयो
लैजाऊ कोसेली यही मुटु जलेको खरानीको
रङ्गीन सपना बुनेर जीवन बिर्सी उड्दछ
नभन दोष यसलाई, यही हो सौन्दर्य जवानीको
पक्कै हुनेछ केही अनर्थ आज पनि सुमन !
घाम यस्तै उदास थियो, म मरेको बिहानीको