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(नया पृष्ठ: मैं घास हूं मैं आपके हर किए धरे पर उग आउंगा बम फेंक दो चाहे विश्‍वव...)
 
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मैं घास हूं
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मैं आपके हर किए धरे पर उग आउंगा
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मैं घास हूँ
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मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा
 
बम फेंक दो चाहे विश्‍वविद्यालय पर
 
बम फेंक दो चाहे विश्‍वविद्यालय पर
 
बना दो होस्‍टल को मलबे का ढेर
 
बना दो होस्‍टल को मलबे का ढेर
सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपडि़यों पर
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सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपड़ियों पर
 
मुझे क्‍या करोगे
 
मुझे क्‍या करोगे
मैं तो घास हूं हर चीज पर उग आउंगा
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मैं तो घास हूँ हर चीज़ पर उग आऊंगा
 
बंगे को ढेर कर दो
 
बंगे को ढेर कर दो
 
संगरूर मिटा डालो
 
संगरूर मिटा डालो
धूल में मिला दो लुधियाना जिला
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धूल में मिला दो लुधियाना ज़िला
 
मेरी हरियाली अपना काम करेगी...
 
मेरी हरियाली अपना काम करेगी...
 
दो साल... दस साल बाद
 
दो साल... दस साल बाद
सवारियां फिर किसी कंडक्‍टर से पूछेंगी
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सवारियाँ फिर किसी कंडक्‍टर से पूछेंगी
यह कौन सी जगह है
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यह कौन-सी जगह है
 
मुझे बरनाला उतार देना
 
मुझे बरनाला उतार देना
जहां हरे घास का जंगल है
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जहाँ हरे घास का जंगल है
मैं घास हूं, मैं अपना काम करूंगा
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मैं घास हूँ, मैं अपना काम करूंगा
मैं आपके हर किए धरे पर उग आउंगा।
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मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा।
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03:33, 22 नवम्बर 2008 का अवतरण

मैं घास हूँ
मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा
बम फेंक दो चाहे विश्‍वविद्यालय पर
बना दो होस्‍टल को मलबे का ढेर
सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपड़ियों पर
मुझे क्‍या करोगे
मैं तो घास हूँ हर चीज़ पर उग आऊंगा
बंगे को ढेर कर दो
संगरूर मिटा डालो
धूल में मिला दो लुधियाना ज़िला
मेरी हरियाली अपना काम करेगी...
दो साल... दस साल बाद
सवारियाँ फिर किसी कंडक्‍टर से पूछेंगी
यह कौन-सी जगह है
मुझे बरनाला उतार देना
जहाँ हरे घास का जंगल है
मैं घास हूँ, मैं अपना काम करूंगा
मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा।