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"बोलि हजुर ज्यानलाई / वानिरा गिरि" के अवतरणों में अंतर
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बोली हजुर ज्यानलाई
कवितामा दिएँ है दिएँ है दिएँ है दिएँ है
भाका हजुर ज्यानलाई
सङ्गीतमा दिएँ है दिएँ है दिएँ है दिएँ है
मनको दियो बालेर दिव्य चित्र कोरूँला
जीवनभरि प्राण चडाउँला
हो जीवनभरि प्राण चडाउँला
मरे पनि हजुरभित्र
सधैँभरि बाँचूँला बाँचूँला बाँचूँला बाँचूँला
भाका हजुर ज्यानलाई
सङ्गीतमा दिएँ है दिएँ है दिएँ है दिएँ है
बोली हजुर ज्यानलाई
कवितामा दिएँ है दिएँ है दिएँ है दिएँ है
सम्झनालाई सङ्गाली परेलीले बाँधूँला
अजम्बरी फूल चडाउँला
हो अजम्बरी फूल चडाउँला
नजरभित्र हजुरको नानी भै रहूँला रहूँला रहूँला रहूँला
बोली हजुर ज्यानलाई
कवितामा दिएँ है दिएँ है दिएँ है दिएँ है
भाका हजुर ज्यानलाई
सङ्गीतमा दिएँ है दिएँ है दिएँ है दिएँ है