भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सवाल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
|||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
+ | सवाल तो कोई | ||
+ | कूप मंडूक भी | ||
+ | कर सकता है | ||
+ | अगर किसी सवाल का | ||
+ | बेसिर पैर का जवाब देना हो | ||
+ | तो कोई भी दे सकता | ||
+ | कुछ आत्माएँ | ||
+ | जवाब का सवाल माँग सकती हैं | ||
+ | क्योंकि सवाल करना उनकी बपौती है | ||
+ | जवाब देने से बचना | ||
+ | उनका अधिकार | ||
+ | लोकतंत्र की पीठ पर | ||
+ | ऐसे रहनुमा | ||
+ | बरसों से सवार | ||
+ | हम सबको धिक्कार | ||
+ | -0- | ||
+ | 09- 07- 2020 | ||
</poem> | </poem> |
04:24, 11 दिसम्बर 2024 का अवतरण
सवाल तो कोई
कूप मंडूक भी
कर सकता है
अगर किसी सवाल का
बेसिर पैर का जवाब देना हो
तो कोई भी दे सकता
कुछ आत्माएँ
जवाब का सवाल माँग सकती हैं
क्योंकि सवाल करना उनकी बपौती है
जवाब देने से बचना
उनका अधिकार
लोकतंत्र की पीठ पर
ऐसे रहनुमा
बरसों से सवार
हम सबको धिक्कार
-0-
09- 07- 2020