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अस्वीकरण
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अनुभव-परिपक्व / अज्ञेय
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08:53, 25 नवम्बर 2008
:: मुझे एक दो पैसे वाली
:: काग़ज़ की फिरकी तो ले देना।
:: अच्छा
म्मैं
मैं
लट्टू नहीं मांगता--
:: तुम बस दो पैसे दे देना।
अनिल जनविजय
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