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भव भोकले भग्न | भव भोकले भग्न |
10:54, 6 जून 2025 के समय का अवतरण
अथ अद्भुत अघोर आश्चर्य !
भव भोकले भग्न
नागरिक नित्य नग्न !
वृहद् विशाल विष्मय !
अपर्झट अगाडि आगोझैँ, अथवा
असिनाझैँ अचानक अगाडि,
जनता जाग्छ जुरुक्क जरामा
टक्टक्याउन टपरटुइँया टाउकेको टाउको ।
राज्य रातो रगतझैँ र
शासक सन्काहा स्वाँठ
कुण्ठित क्रुर कुल्च्याइ !
प्रतिरोध, प्रतिरोध, प्रतिरोध !
शासित सडकमा शहिद !
धरधर धर्मराउँछ धरमर धरती
पुनरावृत्ति पुनरावृत्ति पुनरावृत्ति !
अहो !
इति, इति, इति !
आश्चर्य इति !!
इति आश्चर्यः !!!