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"शेष होते हुए / गोविन्द माथुर" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=गोविन्द माथुर
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इस तरीके से नही
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पहले हमें
+
|रचनाकार=[[गोविन्द माथुर]]
 
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सहज होना होगा
+
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+
|भाषा=हिन्दी
किसी तनाव में
+
|विषय=कविता
 
+
|शैली=छन्दहीन
टूटने से बेहतर है
+
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+
|ISBN=
धीरे-धीरे
+
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+
}}
अज्ञात दिशाओं में
+
* [[शेष होते हुए (कविता) / गोविन्द माथुर]]
 
+
गुम हो जाएँ
+
 
+
 
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हमारे सम्बन्ध
+
 
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कच्ची बर्फ से नही
+
 
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कि हथेलियों में
+
 
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उठाते ही पिघल जाएँ
+
 
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आख़िर हमने
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+
 
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एक-दूसरे की
+
 
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गर्माहट महसूस की है
+
 
+
 
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इतने दिनों तक
+
 
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तुमने और मैंने
+
 
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चौराहे पर खड़े हो कर
+
 
+
अपने अस्तित्व को
+
 
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बनाए रखा है
+
 
+
 
+
 
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ये ठीक है कि
+
 
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हमें गुम भी
+
 
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इस ही
+
 
+
चौराहे से होना है
+
 
+
 
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पर इस तरीके से नही
+
 
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पहले हमें
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मासूम होना होगा
+
 
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उतना ही मासूम
+
 
+
जितना हम
+
 
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एक दूसरे से
+
 
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मिलने के पूर्व थे
+
 
+
 
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पहले मैं या तुम
+
 
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कोई भी
+
 
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एक आरोप लगाएंगे
+
 
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न समझ पाने का
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तुम्हें या मुझे
+
 
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और फिर
+
 
+
 
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महसूस करेगें
+
 
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उपेक्षा
+
 
+
अपनी-अपनी
+
 
+
 
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कितना आसान होगा
+
 
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हमारा अलग हो जाना
+
 
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जब हम
+
 
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किसी उदास शाम को
+
 
+
चौराहे पर मौन खड़े होंगे
+
 
+
 
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और फिर जब
+
 
+
तुम्हारे और मेरे बीच
+
 
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संवाद टूट जएगा
+
 
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कभी तुम चौराहे पर
+
 
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अकेले खड़े होगें
+
 
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और कभी मैं
+
 
+
फिर धीरे-धीरे
+
 
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हमें एक दूसरे की
+
 
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प्रतीक्षा नही होगी
+
 
+
 
+
कितना सहज होगा
+
 
+
हमारा अजनबी हो जाना
+
 
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जब हम सड़कों और गलियों में
+
 
+
 
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एक दूसरे को देख कर
+
 
+
मुस्करा भर देंगे
+
 
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या हमारा हाथ
+
 
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एक औपचारिकता में
+
 
+
उठ जाया करेगा
+
 
+
 
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हाँ हमें
+
 
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इतनी जल्दी भी क्या है
+
 
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ये सब
+
 
+
सहज ही हो जाएगा
+
 
+
फिर हमें
+
 
+
बीती बातों के नाम पर
+
 
+
यदि याद रहेगा तो
+
 
+
सिर्फ़
+
 
+
एक-दूसरे का नाम
+

10:50, 1 अक्टूबर 2025 का अवतरण

शेष होते हुए
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रचनाकार गोविन्द माथुर
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय कविता
विधा छन्दहीन
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।