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"उसकी आवाज़ आती है / संजय चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर

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01:53, 10 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण

सर्दियों में
नीचे कोई रोता है
सीलन की तरह उसकी आवाज़
शहरों का हिस्सा है

गर्म बिस्तर पर
जब सारी अच्छी किताबें
एक-एक कर दिमाग़ में आती हैं
बाहर निकलने का मन नहीं करता

उसकी आवाज़ आती रहती है
पीने के पानी को और ठंडा करती हुई
और इस सारे संसार को।