भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अजनबी / एल्डो पैलेझेस्चही" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एल्डो पैलेझेस्चही |संग्रह= }} <Poem> क्या तुमने उसे ...)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:20, 12 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण

क्या तुमने उसे आज रात यहाँ से जाते देखा था?
मैंने उसे देखा था।

क्या तुमने उसे कल रात यहाँ से जाते देखा था?
मैंने उसे देखा था, मैं उसे देखता हूँ यहाँ रात के बाद एक और रात।

क्या उसने तुम्हारी ओर नज़र डाली थी?
बेशक लेकिन उसकी नज़र कभी बदलती नहीं,
उसकी नजर तुम्हें देखती है ऊपर,
तुम्हारे ऊपर नज़र रखती है, आकाश जहाँ शुरू होता है,
पृथ्वी ख़त्म होती है, वहाँ बाहर
जहाँ सूर्य तले
रोशनी की एक गझिन लकीर है जो अब भी वहाँ है।

और फिर अंधेरा है जब वह बदल लेता है अपना मार्ग।
बिलकुल अकेला?
बिलकुल अकेला।

और वह कैसे कपडे है पहना?
काले में, हमेशा काले में रहता है वह।
 
अंग्रेज़ी से भाषान्तर पीयूष दईया
इतालवी से भाषान्तरः जेरोम रोथेनबर्ग