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"हँसी में / पीयूष दईया" के अवतरणों में अंतर

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00:55, 13 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण

जब कहीं न था मैं
उसके शरीर में धोखे के चिह्न कहीं न थे
वे हँसी में थे
जो मैं हँस रहा था
उसके दिल से

अपने तक आते

काट कर फेंक दिया
हँसी में धोखे के

दिल

तब कहीं न था मैं