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"मुश्किल / विश्वनाथप्रसाद तिवारी" के अवतरणों में अंतर
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मुश्किल लगता है
तुम्हें बदल पाना
और उससे भी मुश्किल
ढल जाना
तुम्हारे साँचे में।