भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पंक्ति में / विश्वनाथप्रसाद तिवारी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विश्वनाथप्रसाद तिवारी |संग्रह= }} <Poem> इसके पहले क...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
09:46, 14 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण
इसके पहले कि बर्फ़ पिघले
और फागुनी हवाएँ
चीड़ों से
हमारे होने का अर्थ पूछें
हमें लौट जाना चाहिए
आदमियों की पंक्ति में