भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नदी / विश्वनाथप्रसाद तिवारी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विश्वनाथप्रसाद तिवारी |संग्रह= }} <Poem> एक नदी मेरे ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:07, 14 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण
एक नदी मेरे आगे
बह रही है।
मैं देख रहा हूँ
उसका गुज़रना।
मैं ख़ुद गुज़र रहा हूँ-
इस नदी के साथ।
हम दोनों
एक दूसरे से अलग
और साथ-साथ गुज़र रहे हैं।