भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उसकी पीड़ा / विश्वनाथप्रसाद तिवारी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विश्वनाथप्रसाद तिवारी |संग्रह= }} <Poem> अपनी इच्छा ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:13, 14 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण
अपनी इच्छा से नहीं आया है वह
न जाएगा अपनी इच्छा से
और जो कुछ भी होगा यहाँ
शायद उसकी इच्छा से नहीं होगा
न कभी हुआ
उसकी पीड़ा यही है
कि वह सुख भी पाता है
तो दूसरे की इच्छा से।