भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आदमी का देश / संजय चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजय चतुर्वेदी |संग्रह=प्रकाशवर्ष / संजय चतुर्...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
01:39, 26 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण
एक दिन देवता उतर कर आएंगे
हमारे दबाव में
हमारे साथ रहने
कहा जाएगा
यहाँ देवता और आदमी एक घड़े से पानी पीते हैं
फिर धीरे-धीरे नहीं रह जाएगी यह कोई ख़बर
रह जाएगी उनकी हल्की-सी विशिष्टता
और लोग कहेंगे
यहाँ आदमी और आदमी एक घड़े से पानी पीते हैं
फिर लड़ाई होगी
लम्बी और मुश्किल
ख़त्म हो जाएंगे दोनों तरफ़ के बहुत से आदमी
और रह जाएगा
यहाँ आदमी घड़े से पानी पीते हैं।