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"सूरज के घोड़े / वृन्दावनलाल वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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10:38, 27 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण

सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं।
टापों की खटकार सुनाकर तम को मार भगाते हैं
कमल-कटोरों से जल पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं
सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं।