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कई बार । | कई बार । | ||
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अचानक टन्न से | अचानक टन्न से | ||
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बोल उठता है | बोल उठता है | ||
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बरतन एक । | बरतन एक । | ||
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सरक कर गिर पड़ती है | सरक कर गिर पड़ती है | ||
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मेज़ के किनारे से | मेज़ के किनारे से | ||
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कोई चीज़ । | कोई चीज़ । | ||
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तहा कर रखे हुए कपड़े | तहा कर रखे हुए कपड़े | ||
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न जाने कब | न जाने कब | ||
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झुक आते हैं | झुक आते हैं | ||
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आगे की ओर । | आगे की ओर । | ||
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न जाने कब तिरछी हो | न जाने कब तिरछी हो | ||
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जाती है तस्वीर । | जाती है तस्वीर । | ||
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पलस्तर आ रहता है, | पलस्तर आ रहता है, | ||
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अटका हुआ, | अटका हुआ, | ||
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नीचे । | नीचे । | ||
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न जाने कब | न जाने कब | ||
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चलते-चलते | चलते-चलते | ||
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मुड़ जाती है दिशा । | मुड़ जाती है दिशा । | ||
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18:28, 1 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
होती है हरकत
चीज़ों में
कई बार ।
अचानक टन्न से
बोल उठता है
बरतन एक ।
सरक कर गिर पड़ती है
मेज़ के किनारे से
कोई चीज़ ।
तहा कर रखे हुए कपड़े
न जाने कब
झुक आते हैं
आगे की ओर ।
न जाने कब तिरछी हो
जाती है तस्वीर ।
पलस्तर आ रहता है,
अटका हुआ,
नीचे ।
न जाने कब
चलते-चलते
मुड़ जाती है दिशा ।