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"यात्रा (दो) / शरद बिलौरे" के अवतरणों में अंतर

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02:43, 4 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

मैं लिखूंगा एक दिन
अपनी लम्बी-लम्बी यात्राओं के बारे में।
दूर देशों के बारे में
लिखूंगा ज़रूर
ढेर की ढेर कविताएँ।
मैं लिखूंगा तब
जब अपने शहर और नौकरी के बारे में
कुछ नहीं सोचकर
यात्रा करता हुआ
मैं सिर्फ़
यात्रा के बारे में ही सोचूंगा।