भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"यात्रा (चार) / शरद बिलौरे" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शरद बिलौरे |संग्रह=तय तो यही हुआ था / शरद बिलौरे }...)
 
(कोई अंतर नहीं)

02:56, 4 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

एक नदी
दो नदी
दस नदी
यात्रा एक
और पार करनी पड़ी अनगिनत नदियाँ।
पहाड़ों और मैदानों की गिनती अलग
खर्च के मद में कुल जमा पाँच दिन।
एक अच्छी नौकरी के लिए
इतना सब बहुत बड़ा
बहुत छोटी योग्यता
और समझदारी की उम्र।