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"धरती / शरद बिलौरे" के अवतरणों में अंतर

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14:07, 5 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

दो बरस की नीलू
आसमान तकती है
पापा से कहती है
पापा मुझे आसमान चाहिए।

पापा ने कभी आसमान जैसी चीज़
अपने बाप से नहीं माँगी
एक बार तारे ज़रूर मांगे थे।

पापा डरे हुए हैं सोचते हैं
मैं धरती पर खेल कर बड़ा हुआ
क्या नीलू आसमान ताककर बड़ी होगी
और यह
कि मैंने अपने बाप से और
नीलू ने मुझसे
धरती क्यों नहीं माँगी

क्या सचमुच धरती
बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं !