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"हरिया / शरद बिलौरे" के अवतरणों में अंतर

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09:30, 7 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

हरिया कल रात तेरा खेत
गाँव में घूम रहा था
बहुत भूखा था।

हरिया कल रात तेरे बैल
काँजी-हाउस में सड़ा भूसा खा रहे थे
बहुत भूखे थे

हरिया कल रात तेरा लड़का
मुकद्दम के लिए लड़कियाँ पटा रहा था
बहुत भूखा था।

हरिया कल रात
तेरे आँगन लाँघते ही
लाला जोर-जोर से हँस रहा था
बहुत भूखा था।

हरिया कल रात से
दिखाई नहीं दी तेरी जवान बेटी।

हरिया
आज रात के लिए
तेरे पास क्या बचा है।

हरिया
क्या आज तुझे भूख नहीं
तू कुछ बोलता क्यों नहीं
हरिया?