भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पत्नी को / हैरॉल्ड पिंटर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हैरॉल्ड पिंटर |संग्रह= }} <Poem> मर गया था और ज़िन्दा ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:18, 8 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
मर गया था और ज़िन्दा हूँ मैं
तुमने पकड़ा मेरा हाथ
अंधाधुंध मर गया था मैं
तुमने पकड़ लिया मेरा हाथ
तुमने मेरा मरना देखा
और मेरा जीवन देख लिया
तुम्ही मेरा जीवन थीं
जब मैं मर गया था
तुम्ही मेरा जीवन हो
और इसीलिए मैं जीवित हूँ
मूल अंग्रेज़ी से अनुवाद : व्योमेश शुक्ल