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19:54, 8 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
ख़ुदा ने अपने ख़ुफ़िया दिल में आह्वान किया
एक शब्द ढूंढने के लिए
नीचे इकठ्ठे जमाव को देने के लिए आशीष।
लेकिन उसने ढूंढा और चाहे जितना ढूंढा
और प्रेतों से फिर जी उठने की मिन्नत की
पर गीत की कोई आवाज़ उसने वहाँ नहीं सुनी
जलते हुए दर्द के साथ बस इतना समझ आया
कि उसके पास देने के लिए कोई आशीष नहीं थी।
मूल अंग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल एकलव्य