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"रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह / मोमिन" के अवतरणों में अंतर

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रोया करेंगे आप भी पहरों मेरी तरह,
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अटका कहीं जो आप का दिल भी मेरी तरह.
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ना ताब हिज्र में है ना आराम वसल में,
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मर चुक कहें कि तू ग़मे-हिज़्राँ से छूट जाये
कम्बखत दिल को चैन नही है किसी तरह.
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कहते तो हैं भले की वह लेकिन बुरी तरह
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ना ताब हिज्र में है ना आराम वस्ल में,
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कहते तो हैं भले की वो लेकिन बुरी तरह.
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कहते तो हैं भले की वो लेकिन बुरी तरह
  
 
ना जाए वां बने है ना बिन जाए चैन है,
 
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क्या कीजिये हमें तो है मुश्किल सभी तरह.
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लगती है गालियाँ भी तेरी मुझे क्या भली,
 
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कुर्बान तेरे, फिर मुझे कह ले इसी तरह.
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आयी हमारी जान पे आफ़त कई तरह
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हूँ जां-बलब बुताने-ए-सितमगर के हाथ से,
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क्या सब जहाँ में जीते हैं "मोमिन" इसी तरह
  
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क्या सब जहाँ में जीते हैं "मोमिन" इसी तरह...
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19:49, 10 जनवरी 2009 का अवतरण

रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह,
अटका कहीं जो आप का दिल भी मेरी तरह

मर चुक कहें कि तू ग़मे-हिज़्राँ से छूट जाये
कहते तो हैं भले की वह लेकिन बुरी तरह

ना ताब हिज्र में है ना आराम वस्ल में,
कम्बख़्त दिल को चैन नही है किसी तरह

गर चुप रहें तो गम-ऐ-हिज्राँ से छूट जाएँ,
कहते तो हैं भले की वो लेकिन बुरी तरह

ना जाए वां बने है ना बिन जाए चैन है,
क्या कीजिए हमें तो है मुश्किल सभी तरह

लगती है गालियाँ भी तेरी मुझे क्या भली,
कुर्बान तेरे, फिर मुझे कह ले इसी तरह

पामाल हम न होते फ़क़त जौरे-चर्ख़ से
आयी हमारी जान पे आफ़त कई तरह

हूँ जां-बलब बुताने-ए-सितमगर के हाथ से,
क्या सब जहाँ में जीते हैं "मोमिन" इसी तरह

शब्दार्थ:
पामाल: तबाह, जौरे-चर्ख़: आसमाँ का ज़ुल्म, जाँ-बलब: मृत्यु के पास, बुताने-सितमगर: हृदयहीन प्रेमिकाएँ