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"बिंदु पर आदमी / दीनू कश्यप" के अवतरणों में अंतर

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21:04, 10 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

जहाँ से शुरू हुआ जंगल
वहाँ खड़ा था आदमी

जहाँ ख़त्म हुआ जंगल
वहाँ भी मौजूद पाया गया आदमी

कहाँ रहें अब
शेर, हिरण, बाघ, खरगोश
बाज, कबूतर का स्थान कहाँ

भय की सरसराहट
जो तैर रही है
वैज्ञानिकों के शीशे में
उसके हर बिंदु पर
खड़ा है आदमी

आदमी ही तय करेगा अब
आदमी का होना आदमी

होना
इस पृथ्वी पर
जीवन का ।