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"प्रिया-11 / ध्रुव शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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00:29, 12 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

शब्द सबके अपने होते हैं
प्रेम उन्हीं से उपजता है

जो दूसरों के शब्द उठा लाए थे
वे किसी के मीत नहीं हुए
अपने शब्दों से विमुख
अहंकार में डूबे
एक दिन जीवन से हार गए

उजड़े हुए नगर में विलाप करती है प्रिया