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"शासन की बंदूक / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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खड़ी हो गई चाँपकर कंकालो की हूक  
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खड़ी हो गई चाँपकर कंकालों की हूक  
  
 
नभ में विपुल विराट-सी शासन की बंदूक  
 
नभ में विपुल विराट-सी शासन की बंदूक  

20:40, 8 सितम्बर 2006 का अवतरण

कवि: नागार्जुन

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खड़ी हो गई चाँपकर कंकालों की हूक

नभ में विपुल विराट-सी शासन की बंदूक


उस हिटलरी गुमान पर सभी रहें है थूक

जिसमें कानी हो गई शासन की बंदूक


बढ़ी बधिरता दसगुनी, बने विनोबा मूक

धन्य-धन्य वह, धन्य वह, शासन की बंदूक


सत्य स्वयं घायल हुआ, गई अहिंसा चूक

जहाँ-तहाँ दगने लगी शासन की बंदूक


जली ठूँठ पर बैठकर गई कोकिला कूक

बाल न बाँका कर सकी शासन की बंदूक

1966