भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आन बनी-3 / सुधीर मोता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर मोता }} <poem> वह पल छिन का सुख था या त्रास अनमो...)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:12, 13 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

वह पल छिन का
सुख
था या त्रास

अनमोल जिन्हें
जाना घड़ियाँ
वे जा कर भी
गईं नहीं

अपने पर ही
आन बनी।