भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नाकाम कोशिश / रश्मि रमानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रश्मि रमानी }} <poem> तुम्हारे होंठों पर मेरे आँसू ज...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:29, 13 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
तुम्हारे होंठों पर मेरे आँसू
जैसे
फूल की पंखुड़ियों पर शबनम
मेरे हाथों में तुम्हारे हाथ
जैसे
समा गया हो सूरज का टुकड़ा
अंधेरी सुरंग में
पर
मेरा मन?
एक वीरान तहख़ाना
बन्द दरवाज़े पर तुम्हारी दस्तक
नाकाम कोशिश।